योग और आहार से शरीर को स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त कैसे रखें
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योग और आहार से शरीर को स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त कैसे रखें –
परिचय:
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग अपने शरीर और स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करते जा रहे हैं। तनाव, खराब खान-पान, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की अनुपस्थिति के कारण बीमारियाँ बहुत कम उम्र में ही घेर लेती हैं। ऐसे में योग और संतुलित आहार ही एकमात्र ऐसे प्राकृतिक उपाय हैं जो शरीर को न सिर्फ स्वस्थ रखते हैं बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे योग और भोजन के ज़रिए शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त रखा जा सकता है।
योग: स्वस्थ जीवन की चाबी
योग केवल व्यायाम नहीं है, यह एक जीवन शैली है जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करता है। योग के नियमित अभ्यास से शरीर लचीला, मानसिक स्थिति संतुलित और आत्मा शुद्ध होती है।
योग के लाभ:
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तनाव मुक्ति: प्राणायाम और ध्यान जैसे अभ्यास मानसिक तनाव को दूर करते हैं।
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शारीरिक मजबूती: सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, वृक्षासन आदि आसनों से शरीर की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
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इम्यून सिस्टम मजबूत बनाना: नियमित योग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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पाचन में सुधार: कुछ आसन जैसे पवनमुक्तासन और भुजंगासन पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
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नींद में सुधार: योगनिद्रा और ध्यान से अच्छी और गहरी नींद आती है।
प्रमुख योगासन जो रोज़ करने चाहिए:
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सूर्य नमस्कार: सम्पूर्ण शरीर के लिए व्यायाम है। यह मांसपेशियों को सक्रिय करता है और कैलोरी बर्न करता है।
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वृक्षासन: संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है।
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भुजंगासन: रीढ़ को मजबूत बनाता है और पेट की चर्बी घटाता है।
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प्राणायाम (अनुलोम-विलोम, कपालभाति): श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है और मानसिक तनाव को दूर करता है।
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ध्यान (Meditation): मन को शांत करता है और मानसिक स्पष्टता लाता है।
संतुलित और प्राकृतिक आहार का महत्व
योग के साथ-साथ सही और पौष्टिक भोजन भी ज़रूरी है। "जैसा खाएं अन्न, वैसा होवे मन" यह कहावत बिल्कुल सत्य है। अगर हम शुद्ध, ताजे और प्राकृतिक आहार लें तो शरीर के साथ-साथ मन भी स्वस्थ रहेगा।
स्वस्थ आहार के मूल तत्व:
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फल और सब्जियाँ: इनसे विटामिन, मिनरल्स और फाइबर प्राप्त होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
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संपूर्ण अनाज (Whole Grains): जैसे गेहूँ, जौ, बाजरा आदि से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
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दालें और नट्स: प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं, जो मांसपेशियों को बनाने में मदद करते हैं।
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पानी: रोज़ कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
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देशी घी और नारियल तेल: सीमित मात्रा में इनका सेवन शरीर को चिकनाई और ताकत देता है।
क्या न खाएं:
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ज़्यादा तली-भुनी चीज़ें, प्रोसेस्ड फूड, शक्कर, मैदा, कोल्ड ड्रिंक्स।
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रात्रि भोजन भारी न हो; हल्का और जल्दी करें।
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खाने के साथ पानी न पिएं, बल्कि 30 मिनट पहले या बाद में पिएं।
दिनचर्या में इन आदतों को शामिल करें:
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सुबह जल्दी उठें (ब्रह्म मुहूर्त): इससे मन शांत रहता है और दिन भर ऊर्जा बनी रहती है।
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नींबू पानी या गुनगुना पानी पिएं: शरीर को डिटॉक्स करता है।
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योग अभ्यास करें: दिन की शुरुआत कुछ आसनों और प्राणायाम से करें।
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संतुलित नाश्ता: अंकुरित अनाज, फल या दलिया जैसे हेल्दी विकल्प चुनें।
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मध्यान्ह भोजन: पोषण युक्त हो और ज़्यादा तेल-मसाले से बचें।
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शाम को हल्का योग या टहलना: पाचन ठीक रखता है और नींद बेहतर करता है।
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रात्रि भोजन: 7 बजे तक कर लें और हल्का रखें।
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रात को ध्यान करें: दिनभर के तनाव को दूर करने के लिए 5-10 मिनट ध्यान ज़रूरी है।
योगिक जीवन शैली के अन्य नियम (Patanjali योग सूत्र के अनुसार):
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सात्विक आहार लें: ऐसा भोजन जो शरीर को हल्का और मन को शांत रखे।
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अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह: ये नैतिक नियम (यम और नियम) मानसिक और सामाजिक रूप से भी स्वस्थ बनाते हैं।
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शुद्धता (शौच): शरीर और मन दोनों की स्वच्छता का ध्यान रखें।
निष्कर्ष:
स्वस्थ और तंदुरुस्त शरीर केवल दवाओं से नहीं, बल्कि योग और संतुलित आहार से बनता है। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसे जीवनभर अपनाना होता है। योग से शरीर में ऊर्जा, लचीलापन और मन में शांति आती है, वहीं पौष्टिक आहार शरीर को ज़रूरी पोषण प्रदान करता है। अगर हम अपने दैनिक जीवन में इन दोनों को स्थान दें तो बीमारियाँ स्वतः ही दूर रहेंगी और एक खुशहाल जीवन संभव होगा।
"योग करो, निरोग रहो – प्राकृतिक जीवन अपनाओ, स्वस्थ जीवन जियो!"
pls comment below
thank you
contact : medicos092028@gmail.com
Very good knowledge
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